लेखनी प्रतियोगिता -10-Nov-2022
वादे
याद मेरी जो उनके शहर को गए।
देखा जाकर साहब बेखबर हो गए।
याद ने पूछा उनसे तू क्यों सो रहे।
क्या यादें भी मेरी अब सारे खो गए।
तू तो कहता था तेरे बिन जिऊंगा नहीं।
जब तक सांसे यह मेरी चलता रहा।
प्यार के दीपक को क्यों तूने बुझने दिया।
जो कमियां थी मुझ में प्यार तूने क्यों किया।
मेरे नामों को तुमने क्यों मिटने दिया।
मुझको यूं तन्हा छोड़ के बस चल ही दिए।
देख कर यूं हालात उनकी खूब रो लिए।
मैंने शिकवा किया और शिकायत भी की।
सारे शिकवे गिले को वह अनसुने कर गए।
मैं परख ना सकी वह परखने ना दिया।
मुझे नींदों में क्यों तू जगाता रहा।
कभी हंसता रहा मुस्कुराता रहा।
मेरे सपनों को तू क्यों सजाता रहा।
अपने वादों को वो एक तरफ कर गए।
शायद प्रेम नहीं आकर्षण में बह गए।
Gunjan Kamal
15-Nov-2022 06:34 PM
शानदार
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Abhilasha deshpande
17-Jan-2023 01:45 PM
Thank you
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Shashank मणि Yadava 'सनम'
11-Nov-2022 07:14 AM
बहुत ही सुंदर
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Raziya bano
11-Nov-2022 06:50 AM
Bahut khub
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